संज्ञा किसे कहते हैं ?
संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या विचार के नाम का बोध कराता है। एक वाक्य में, संज्ञाएं विषय, प्रत्यक्ष वस्तु, अप्रत्यक्ष वस्तु, विषय पूरक, वस्तु पूरक, अपोजिट, या विशेषण की भूमिका निभा सकती हैं।
संज्ञा की परिभाषा (sangya definition in hindi)
किसी भी व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव या स्थान के नाम को ही संज्ञा कहते हैं। जैसे – मनुष्य (जाति), अमेरिका, भारत (स्थान), बचपन, मिठास(भाव), किताब, टेबल(वस्तु) आदि।
संज्ञा के प्रकार
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. समूहवाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. भाववाचक संज्ञा
संज्ञा
संज्ञा के पद के भेद ये 2 प्रकार के होते है |
- विकारी
- अविकारी
विकारी – वे शब्द जिनके अंदर लिंग वचन और कारक & काल के आधार पर परिवर्तन होता है
अविकारी – वे शब्द जिनके अंदर लिंग वचन और कारक & काल के आधार पर परिवर्तन नहीं होता है
नोट –
संज्ञा
- उत्पति (3 प्रकार )- व्क्यतीवाचक
गढनीय
अगढनीय
2.अर्थ के आधार पर (5 प्रकार) – वकतीवाचक
जातिवाचक – द्रव्यवाचक
समूहवाचक
द्रव्यवाचक
भाववाचक
समूहवाचक
- संज्ञा शब्द का चयन – भूगोल
- संज्ञा शब्द अपने सामने विश्लेषठ लेता है
- एक ही प्रकार के वस्तुओं को बोध करने वाले शब्द – जातिवाचक
संज्ञा के बारे में पूछे गए प्रश्न (FAQ)